Trading क्या है Trading कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग क्या है यह प्रश्न ज्यादातर स्टॉक मार्किट
में नए लोगों को परेशान करता है। आज कई छोटे Retailers स्टॉक मार्किट में है जो ट्रेडिंग और Investment में अंतर नहीं समझा पाते हैं। अगर आपको भी ट्रेडिंग शब्द का मतलब नहीं पता है। तो हम आपको हमारे इस लेख में हम आपको ट्रेडिंग का मतलब Hindi में बारीकी समझाने का प्रयास करेंगे। इसलिए एक बार आपके लिए हमारे
लेखों को पढ़ना आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए इसे अंत तक पढ़ें। तो फिर आइये समझतें हैं।
1. Trading क्या है?
Trading को आसान शब्दों में व्याख्या करें तो हिंदी में इसे " व्यापार"
कहा जाता है। यानी कि किसी वस्तु या सेवा का आदान प्रदान करके मुनाफा कमाना।
Stock Market Trading भी इसी तरह होता
है। जैसे कि हम किसी वस्तु को खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं। बिल्कुल वैसे
ही स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके
मुनाफा कमाया जाता है। ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है। मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना है। अगर एक साल के बाद शेयर को बेचते हैं
तो यह निवेश कहलाता है। यह एक तरह का ऑनलाइन पर आधारित बिजनेस होता है।
उदाहरण के तौर पर
अगर हम Share Market में शेयर खरीद रहे हैं तो हमारे
जैसे कोई अन्य व्यक्ति होगा जो उन शेयर को बेच रहा होगा। चलिए इसे अब अपने डेली
लाइफ से जोड़ते हैं। मान लीजिए आपने होलसेल स्टोर से कोई सामान ₹50 खरीदा और उसे बाद में ₹60 लगा कर कस्टमर्स को बेच दिया। अगर यह आप रोजाना करते
हैं तो इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
बिल्कुल ऐसे ही शेयर बाजार में भी होता है। आप शेयर को
खरीदते हैं और 1 साल के अंदर खरीदे हुए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद
बेच देते है। तो यह Stock Market Trading कहलाता है।
Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं
जानता कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अगर शेयर से जुड़ी
न्यूज़ अच्छी आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी। वहीं इसका उल्टा करे तो
शेयर से जुड़ी न्यूज़ खराब आती है तो शेयर के भाव में मंदी देखने को मिल सकती है।
2. Stock Market में Trading कितने प्रकार की होती है?
2.1. Share Market में Trading को चार भागों में विभाजित किया गया हैI
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
1) Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading वह है जिसमें केवल कुछ सेकंड या कुछ मिनट के लिए ही Trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह Traders जो केवल कुछ सेकंड या मिनट के लिए शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। ऐसे
ट्रेडर्स को Scalpers कहा जाता है। Scalping में Trading करना Traders के लिए सबसे ज्यादा Risky होता है।
2) Intraday Trading क्या है?
Intraday Trading वह Trade जो 1 दिन के लिए Trade किया जाए। यानी मतलब यह हुआ कि वह Traders जो Market (9:15 AM) के खुलने के बाद शेयर खरीद लेते
हैं। और मार्केट बंद (3:30 PM) होने से पहले Share को बेच देते है। ऐसे ट्रेडर्स को Intraday ट्रेडर्स कहा जाता है। बता दू कि Intraday ट्रेडिंग Scalping Trading से थोड़ा कम Risky होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए
पोस्ट को पढ़ें।
3) Swing Trading क्या है?
Swing Trading वह trade जो कुछ दिनों के लिए शेयर को खरीदते और बेचते है। यानी
मतलब यह हुआ कि वह traders जो एक दो हफ़्ते के लिए शेयर को खरीदने के बाद बेच
देते हैं। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट को देखना नहीं पड़ता है। यह उन लोगों
(जॉब, स्टूडेंट्स आदि) के लिए बेहतर होता है जो ट्रेडिंग में
अपना पूरा दिन नहीं दे सकते हैं।
4) Positional Trading क्या है?
Positional Trading वह ट्रेड जो कुछ महीने के लिए होल्ड किए जाएं। यह मार्केट का Long Term Movement को कैप्चर करने के लिए किया जाता है। ताकि एक अच्छा मुनाफा हो सके। शेयर बाजार
की रोजाना के Up-down से इन पर जायदा असर नहीं होता है। यह बाकी सभी Trading से कम रिस्की होता है।
3. Trading और Investment में क्या अंतर है?
Trading में Share को Short Term के लिए खरीदा जाता है। वहीं Investment में शेयर को लंबे समय के लिए खरीद
लिया जाता है।
Trading में टेक्निकल एनालिसिस की जानकारी होना जरूरी होता है। वहीं Investment में Fundamental Analysis की जानकारी प्राप्त होनी चाहिए।
Trading कि अवधि 1 साल तक की होती है। वहीं निवेश कि अवधि 1 साल से ज्यादा कि होती है।
Trading करने वाले लोगों को Traders कहा जाता है। वहीं निवेश (Investment) करने वाले लोगों
को निवेशक (Investor) कहां जाता है।
Trading Short Term मुनाफे को कमाने के लिए किया जाता है वहीं निवेश लंबी अवधि के मुनाफे को कमाने
के लिए किया जाता है।
4. Technical Analysis क्या है?
Market Analysis को मुख्य रूप से fundamental Analysis
और Technical Analysis में विभाजित किया गया है।
तकनी की विश्लेषण (Technical Analysis) को विशेष रुप से शेयर मार्केट में शॉर्ट टर्म की ट्रेडिंग करने केलिए किया
जाता है। टेक्निकल एनालिसिस की मदद से Share Price Movements, Trends, Trading
Volume इत्यादि का विश्लेषण कर सकते हैं।
एनालिसिस का उपयोग (फंडामेंटल एनालिसिस के
मुकाबले) वित्तीय बाजार की चाल को आसानी से समझने के लिए किया जाता है। यह
ऐतिहासिक वॉल्यूम और प्राइस मूवमेंट के आंकड़ों के आधार परवित्तीय बाजार (Financial Market) की कीमतों की दिशा का पहले से अनुमान लगाने का एक मेथड है। इसके माध्यम से
पुराने आंकड़ों के आधार पर शेयर कि चाल का पूर्वानुमान लगा सकते हैं। शेयर के
उतार-चढ़ाव के चार्ट का विश्लेषण कर सकते हैं।
4.1. फंडामेंटल बनाम टेक्निकल एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस में ऐतिहासिक आंकड़ों पर ज्यादा
ध्यान केंद्रित किया जाता है। टेक्निकल एनालिसिस में ऐतिहासिक Price और Volume के आंकड़ों के आधार पर Share के Trend का मूल्यांकन कर सकते हैं। वहीं फंडामेंटल एनालिसिस
में कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट, बिजनेस मॉडल, मैनेजमेंट कैपबिलिट्स इत्यादि का अध्ययन करना पड़ता
है। Fundamental Analysis करने का सबसे बड़ा
मकसद किसी भी कंपनी में लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट करने के लिए पहले से अनुमान
लगा सकते है।
निवेशक या ट्रेडर्स के लिए टेक्निकल
एनालिसिस और लंबे समय के निवेशक के लिए फंडामेंटल एनालिसिस बेहतर माना जाता है।
प्राइस और वॉल्यूम के माध्यम से आप लॉन्ग टर्म के लिए एंट्रीएंट्री और एग्जिस्ट का
सही तरीके से निर्णय ले सकते है। टेक्निकल एनालिसिस आपको लॉग टर्म में निवेश करने
में भी मददगार साबित होता है। वहीं शॉर्ट टर्म के लिए निवेश करने के लिए सिर्फ
टेक्निकल एनालिसिस का स्टडी कर सकते हैं। चलिए अब टेक्निकल एनालिसिस से जुड़े कुछ
और भी Basic के बारे में जान लेते है।
4.2. तकनीकी विश्लेषक का Toolbox
बार चार्ट, कैंडलस्टक चार्ट लाइन चार्ट या प्वाइंट एंड एंफिगर चार्ट इत्यादि तकनीकी
विश्लेषक के टूलबॉक्स का हिस्सा हैं। चलिए इनके बारे में कुछ बेसिक जानकारी
प्राप्त करते है।
बार चार्ट, कैंडलस्टिक चार्ट लाइन चार्ट या प्वाइंट एंड एंफिगर चार्ट इत्यादि तकनीकी विश्लेषक के टूलबॉक्स का हिस्सा हैं। चलिए इनके बारे में कुछ बेसिक जानकारी प्राप्त करते है।
Technical Analysis Tool’s
4.2. Bar Chart
Bar Chart का प्रयोग किसी भी शेयर या स्टॉक के Particular समय की मूवमेंट के लिए उपयोग किया जाता है यह किसी भी Stock या Commodity या Forex Share के कुछ समय के
अवधि (15 Minutes, 1 Hours, 1 Day इत्यादि।) का Opening, High, Low, और Close को जानने के लिए प्रयोग किया जाता है।
Technical Analysis बार चार्ट या किसी
और तरह के चार्ट जैसे कि कैंडलस्टिक या लाइन चार्ट को शेयर कि प्राइस का मूवमेंट
को दर्शा ने के लिए उपयोग किया जाता है।
4.3. Candlestick Chart
Candlestick Chart भी एक तरह से बार
चार्ट की तरह प्राइस कि मूवमेंट को दर्शाता है। इसमें भी Stock या Commodity या Forex Share के Specific समय के अवधि (15 minutes, 1 hours, 4 hours इत्यादि) का Opening, High, Low, और Close (OHLC) को जानने के लिए प्रयोग किया जाता है। बार चार्ट में शेयर को बार के तरह दिखाया जाता है। वहीं Candlestick Chart में शेयर प्राइस को कैंडल के फार्म में दिखाया जाता है।
कैंडलस्टिक चार्ट को समझना बार चार्ट या लाइन चार्ट
इत्यादि से ज्यादा आसान है। Bullish Market में कैंडल को Green और Bearish Market में कैंडल को Red से प्रदर्शित किया जाता है। कुछ
सॉफ्टवेयर में Bear को Black Candles और Bullish को White Candle से भी दर्शाया गया है लेकिन मतलब
दोनों का एक ही होता है।
4.4. Line Chart
Line Chart, बार चार्ट और कैंडलस्टिक चार्ट से बिल्कुल भिन्न है। लाइन चार्ट में जैसे कि नाम में ही लाइन है तो इसमें आपको शेयर प्राइस कि मूवमेंट का आकलन करने के लिए एक लाइन कि तरह दर्शाया गया है। लाइन चार्ट को बार चार्ट और कैंडलस्टिक चार्ट की तरह आसानी से नहीं समझा जा सकता है। लाइन चार्ट के माध्यम से Opening, High, Low, Close (OHLC) का आकलन कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है।
4.5. Point and Figure Chart
Point And Figure Chart बार चार्ट,
कैंडलस्टिक चार्ट की तरह एक शेयर प्राइस का उतार चढ़ा व का आकलन करने की एक चार्टिंग तकनीक है। इस तकनीक को "Hoyle" नाम के राइटर ने अपनी बुक में 1898 को इंट्रोड्यूस किया था। इसलिए इसे एक Old Chart Technique में शामिल किया गया है। इस चार्ट
टेक्नीक में Zero
और Cross
दो तरह के Figure होते है।
यहां Zero को Red यानी Bearish Market को दर्शाने के लिए उपयोग किया गया है।
वहीं Cross
को Green यानी Bullish Market को दर्शाया गया है।
4.6. Basic Terminology of Technical Analysis
Bull 🟩
Bull का मतलब Bullish
होता है। स्टॉक मार्केट की भाषा में Bull का
मतलब शेयर बाजार की दिशा का मूवमेंट ऊपर जाने का होता है।
Bear 🟥
Bear का मतलब Bearish
होता है। अगर शेयर मार्केट की दिशा आपको ऐसा लगता है कि नीचे की तरफ जाएगी तो यह स्टॉक मार्केट की भाषा में Bearish कहलाता है।
Intraday ⏳
Intraday ट्रेडर्स को बेसिकली Day
Traders भी कहा जाता है। इसमें आपको मार्केट ओपन होने के बाद शेयर को खरीदना होता है और मार्केट के Closed होने से पहले शेयर को Sell
करना होता है। यानी कि आज ही शेयर खरीदना और आज ही उसी शेयर को बेचना शेयर मार्केट में Intraday Trading कहलाता है।
Swing Trading 💡
Swing Trading का शेयर बाजार में मतलब यह है कि आज किसी भी स्टॉक को खरीदना और एक से ज्यादा लगभग 1 सप्ताह तक होल्ड
करना
और उसके बाद में Sell कर देना स्टॉक मार्केट में स्विंग ट्रेडिंग
Positional Trading 🕰️
Positional Trading का शेयर बाजार में मतलब यह है कि आज किसी भी स्टॉक को खरीदना और एक या जायदा से जायदा तीन महीनों तक होल्ड करना और उसके बाद में Sell
कर देना स्टॉक मार्केट में Positional Trading
कहा जाता है।
Short Term Trading ⏰
Short Term trading का शेयर बाजार में मतलब यह है कि आज किसी भी स्टॉक को खरीदना और तीन या जायदा से जायदा बारह महीनों तक होल्ड करना और उसके बाद में Sell
कर देना स्टॉक मार्केट में शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है।
4.7. Assumptions In Technical Analysis
1. बाजार की कीमत में हर चीज शामिल होती है
इसमें ऐसा माना जाता
है कि किसी भी स्टॉक से जुड़ी जानकारी या समाचार शेयर की कीमत में Involve हो जाती है। उदाहरण के तौर पर किसी Shareholder को ऐसी जानकारी प्राप्त होती है, कि अगले माह कंपनी
का आने वाला नतीजा अच्छा होने वाला है। तो वह चुपचाप से उस शेयर को खरीद लेता है।
लेकिन एक अच्छा Technical Analysis उसी जानकारी को शेयर की
चाल चलन से समझ लेता है। ऐसा इसलिए क्यों कि इसका असर शेयर की कीमत पर दिखने लगता
है।
2. Share का Price एक Trend पर चलता है
Technical Analysis में ऐसा Assume किया गया है कि किसी भी स्टॉक के प्राइस
ट्रेंड और पैटर्न के साथ Up और Down होता
है। अगर आसान भाषा में समझें तो इसका मतलब यह हुआ कि टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक
के Price में तेजी और मनदी आने का कारण ट्रेंड और पैटर्न होता
है।
3. Market की कीमत इतिहास दोहराती है
Technical Analysis में ऐसा माना जाता है कि शेयर अपनी बीते हुए चाल को दोबारा जरूर दोहराता
है। यानी कि बीते समय में जहां से स्टॉक में तेजी आई थी शायद वर्तमान में भी स्टॉक
की कीमत में उसी जगह से दोबारा उछाल आ सकता है। अगर बीते समय में बाजार में मनदी
आई है तो ऐसा माना जाता है कि वर्तमान में भी बाजार कि कीमत में उसी जगह से दोबारा
गिरावट आ सकती है। ऐसा इसलिए क्यों कि बाजार के भागीदार हैं ज्यादातर एक ही तरह की
अपनी प्रतिक्रिया देते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि शेयर की कीमत अपनी चाल को दोबारा
उसी तरह से चलता है जैसे उसने इतिहास में चला था।
4.8. Time Frame
➡️ Multi Time Frame: - ट्रेडिंग एनालिसिस सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है जो किसी भी व्यक्ति को कोई भी Trade लेने के पहले करना चाहिए। यह एनालिसिस
टेक्निकल एनालिसिस का सबसे सरलतम उपकरण है जो आपको अपने ट्रैडों से नुकसान को कम करने में मदद करेगा।
➡️ कौनसी Multi
Time Frame ट्रेडिंग की आपको ट्रैकिंग करनी चाहिए?
➡️ इसका सामान्य नियम यह है कि जितना लम्बा टाइम फ्रेम होगा उतने ही विश्वसनीय
उसके Signal होंगे। जैसे ही हम Multi
Time Frame को घटा देंगे चार्ट गलत सिग्नल दे सकते है। आदर्श रूप से, ट्रेडर्स को
जिन शेयरों में वो ट्रेड कर रहे हैं। उनके ट्रेंड को परिभाषित
करने के लिए लम्बी टाइम फ्रेम का उपयोग करना चाहिए।
➡️ एक बार जब ट्रेंड को परिभाषित कर दिया जाए, तो ट्रेडर किसी भी Multi Time Frame का उपयोग कर सकते हैं जिसे वे इंटरमीडिएट ट्रेंड की पहचान करने के लिए उपयोग करना चाहते हैं और Short Term Trade की पहचान करने के लिए एक तेज़ Time Frame का उपयोग कर सकते है।
➡️ विभिन्न Multi Time Frame को उपयोग में लाने के उदाहरण: कुछ Swing Trader: - जो दैनिक चार्ट पर ध्यान केन्द्रित करते है वे प्राथमिक ट्रेंड की पहचान करने के लिए साप्ताहिक चार्ट का और Short Term Trade की पहचान करने के लिए 60 मिनट के चार्ट का उपयोग कर सकते है।
➡️ Day Trader: - प्राथमिक ट्रेंड की पहचान करने के लिए 60 मिनट के चार्ट का और Short Term Trade की पहचान करने के लिए 5 मिनट के चार्ट का उपयोग कर सकते है।
➡️ Positional Trade: - साप्ताहिक चार्ट पर ध्यान केन्द्रित कर सकते हैं, प्राथमिक ट्रेंड की पहचान करने के लिए मासिक चार्ट का और प्रवेश तथा निकास की पहचान के लिए दैनिक चार्ट का उपयोग करते हैं। कौन से Time Frame को चुनना है यह प्रत्येक Trader पर निर्भर करता है।
➡️ एक Trader को उस एक मुख्य टाइम फ्रेम का चुनाव करना चाहिए जिसमें वे रुचि रखते है और फिर उस टाइम फ्रेम के समादर के लिए उसके ऊपर या नीचे का एक टाइम फ्रेम चुन लेना चाहिए।
➡️ Multi Time Frame के लिए प्रवेश के सिद्धांत: इस रणनीति के लिए यहाँ कुछ प्रवेश के सिद्धांत है व्यक्ति को परिभाषित करना चाहिए कि उनका "Signal" चार्ट क्या है।
➡️ Swing Trader के लिए यह
एक Daily Chart होगा और Day
Trader के लिए, यह 1/3/5/10/15 मिनट के चार्ट की तरह एक छोटा Time Frame होगा
। व्यक्ति को एक उच्च Time Frame चार्ट जोड़ना चाहिए जो आपका Signal Chart भी हो सकता है।
➡️ व्यक्ति को पहले की तरह अपने Signal चार्ट का Trade करना चाहिए, लेकिन
उन उच्च Time Frame वाले चार्ट पर Swing की दिशा में Trade करना भी याद रखना चाहिए।
1) मल्टी टाइम फ्रेम ट्रेडिंग एनालिसिस के लाभ
▶️ टाइम फ्रेम पर ट्रेंड अलग-अलग दिखाई दे सकता है जिसे आप
लॉन्ग टर्म के ट्रेंड की तुलना में देख रहे है।
▶️ सपोर्ट और रेजिस्टेंस के प्रमुख स्तर आपके ट्रेड के आसपास हो सकते है, लेकिन यह उस टाइम फ्रेम पर नहीं देखा जा सकता जिस पर आप ट्रेड कर रहे है।
▶️ आपने छोटे टाइम फ्रेम में एक अच्छा ट्रेड किया होगा और अपने लक्ष्य को प्राप्त
किया होगा,
लेकिन यह महसूस नहीं किया कि यदि आपने एक लम्बा टाइम फ्रेम
ली है तो आपको अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।
▶️ आप लम्बे टाइम फ्रेम की तुलना में छोटे टाइम फ्रेम में सटीक एंट्री पॉइंट बना
सकते है।
2) Multi
Frame Analysis का महत्वः
▶️ सपोर्ट और रेजिस्टेंस
के प्रमुख स्तर आपके ट्रेड के आसपास मौजूद हो सकते है, लेकिन यह उस टाइम-फ्रेम पर नहीं देखा जा
सकता जिस पर आप ट्रेड कर रहे है।
▶️ ट्रेंड उस टाइम-फ्रेम
पर अलग रूप से प्रकट हो सकती है जिसे आप उस समय देख रहे है, जहाँ लॉन्ग टर्म का ट्रेंड बढ़ रहा है।
▶️ कीमतें एक टाइम-फ्रेम
पर स्थानांतरित करने के लिए रूम में दिखाई दे सकती है जहाँ यह वास्तव में निम्न
टाइम-फ्रेम पर अधिक विस्तारित होती है।
▶️ आप लॉन्गर टाइम फ्रेम
से शोर्टर टाइम फ्रेम में सटीक एंट्री पॉइंट बना सकते हैं।
3) महत्वपूर्ण बिंदुः
▶️ ट्रेडिंग के अवसरों की पहचान करने के लिए किसी भी व्यक्ति
को Multi Time Frame ट्रेडिंग एनालिसिस करना
चाहिए।
▶️ उच्च टाइम फ्रेम का उपयोग सम्पूर्ण बाज़ार की दिशा को खोजने
के लिए किया जाता है और निम्न टाइम फ्रेम का उपयोग ट्रेड में प्रवेश का उचित समय
खोजने के लिए किया जाता है।
▶️ मल्टीपल टाइम फ्रेम एनालिसिस का उपयोग काउंटर-ट्रेंड
ट्रेडिंग के लिए किया जा सकता है।
5. सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support & Resistance)
दोस्तों, तकनीकी विश्लेषण में
एक और चीज काफी महत्वपूर्ण होती है जिसे सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support and
Resistant) कहते हैं। जैसा कि नाम से
ही स्पष्ट है कि ये दोनों एक प्रकार से अवरोधक का कार्य करते हैं। यह दोनों बिंदु
हमे किसी शेयर की चाल कैसी होगी का अनुमान पहले से ही दे देते हैं। इसकी मदद से हम
किसी स्टॉक में आगे कैसा रुझान होगा को पहले से ही समझ सकते हैं। Support और Resistance
इन दोनों विन्दुओ के द्वारा हमे यह भी ज्ञात हो जाता है कि
कहाँ पर मांग बढ़ रही है और कहाँ पर आपूर्ति बढ़ रही है।
यह दोनों बिन्दु
तकनीकी विश्लेषण का मुख्य आधार है, इसलिए दो में
को संक्षेप में समझ लेना जरूरी हैं
5.1. सपोर्ट किसे कहते है? (What is Support)
▶️ जैसा कि ऊपर बताया जा
चुका है कि सपोर्ट एक अवरोधक का कार्य करता है।
▶️ यानी कि जब किसी शेयर
का भाव गिरने लगता है तो गिरते – गिरते एक ऐसे बिंदु पर पहुंच जाता है जहाँ अवरोध
उत्पन्न होने लगता है।
▶️ इसी बिंदु को Support कहते हैं। सपोर्ट किसी शेयर के भाव को और नीचे गिरने से रोकने की कोशिश करता
है। और उस शेयर के भाव को वहीं से फिर ऊपर उछलने में मदद करता है।
▶️ साधारण भाषा मे हम ये
कह सकते हैं कि Support
वह रेखा या बिंदु जो किसी स्टॉक के भाव को उससे नीचे गिरने
से रोकती है,
और उस स्टॉक के भाव को Support रेखा अथवा बिंदु से ही फिर ऊप उछलने में मदद करती है।
▶️ जब किसी शेयर का भाव
नीचे गिरते गिरते अपने Support
बिंदु प जाकर रुक रहा हो, तो इस बात की ज्यादा संभावना बनती है कि अब इसके भाव में भारी उछाल आने वाला
है, अर्थात अब इस शेयर के भाव बहुत तेजी से बढ़ने वाले है।
5.2. रेजिस्टेंस क्या है? (What is Resistance)
▶️ जैसे कि Support किसी स्टॉक के भाव को एक निश्चित बिन्दु से नीचे गिरने में अवरोध उत्पन्न करता
है, ठीक इसके उलट Resistance
किसी शेयर के भाव को एक निशचिंत बिन्दु से ऊपर बढ़ने में
अवरोध उत्पन्न करता है।
▶️ जहां सपोर्ट एक मांग (Demand) क्षेत्र उत्पन्न करता है, जिससे भाव बढ़ने की
संभावना ज्यादा होती है,
वहीं रेजिस्टेंस आपूर्ति क्षेत्र बनाता है जहाँ से भाव
गिरने की उम्मीद ज्यादा होती है। यदि किसी शेयर का भाव बढ़ते – बढ़ते किसी ऐसे
बिंदु अथवा लाईन पर पहुँचता है, जहां से और ऊपर बढ़ने
में अवरोध उत्पन्न होने लगता है इसी बिंदु अथवा रेखा को Resistant कहते हैं।
▶️ रेजिस्टेंस किसी शेयर
के भाव को और ऊपर बढ़ने से रोककर फिर से नीचे ढकेलने का प्रयास करता है।
▶️ जब किसी स्टॉक का भाव
अपने Resistance
पर जाकर रुक रहा हो तो तो इसके भाव बहुत तेजी से नीचे गिरने
की भी संभावना बन जाती है।
▶️ तो आपने देखा कि एक
तकनीकी विश्लेषक कैसे Chart
में Support और Resistance बिंदु की पहचान कर के पहले से ही पता कर लेता है कि, किस बिन्दु से शेयर का भाव गिरेगा और किस बिन्दु से किसी शेयर का भाव बढ़ेगा।
6. What are Candlestick?
Candlesticks का इस्तेमाल ट्रेडिंग पैटर्न समझने के लिए किया जाता है। पत्त्तेर्ण यानी एक खास तरह की घटना जब एक खास तरीके के संकेत देती है। तो उसे पैटर्न कहते हैं। Technical Analysis Pattern के आधार पर ही अपना ट्रेड यानी सौदा तय करते हैं। किसी भी पैटर्न में दो या दो से जयादा कैंडल एक खास तरीके से लगे होते हैं। लेकिन कभी-कभी एक Candlestick से भी पैटर्न समझा जा सकता है। इसलिए कैंडलस्टिक पैटर्न को सिगनल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी एक Candlestick वाले पैटर्न और Multiple Candlestick Pattern यानी कई Candlestick वाला पैटर्न में बांटा जा सकता है।
Candle में एक शरीर और दो बत्ती होती है। एक कैंडलस्टिक का शरीर एक या आयत के रूप में या कहे तो रेक्टेंगल होता है, जो अवधि के खुले और बंद होने का प्रतीक है। बैल कैंडल में ओपन को रेक्टेंगल के निचे से और क्लोज़ को रेक्टेंगल के ऊपर से दिखाया जाता है और बेयर कैंडल में विपरीत है, अवधि की समाप्ति कीमत अवधि के शुरुआती मूल्य से निचे गिरती है। प्रमुख लाभ यह है कि कैंडल के शरीर को रंगीन रूप से प्रदर्शित किया जा सकता है। यह एक व्यापारी को जल्द से तस्वीर प्राप्त करने की अनुमति देता है कि खरीदार या विक्रेता मूल्य को नियंत्रित कर रहे हैं या नहीं। बत्ती शरीर के ऊपर और निचे दो लंबवत रेखाओं के रूप में खींची जाती है। विक्स उस अवधि के लिए प्राप्त किए गए उच्च और निम्न मूल्य को चिन्हित करता है। कैंडलस्टिक रेंज को शरीर के ऊपर शीर्ष विक के चरम उच्च और निचे की बत्ती के चरम निम्न द्वारा परिभाषित किया जाता है।
कैंडलस्टिक ट्रेडिंग ग्राफ़िक रूप से बाजार की भावना को प्रदर्शित करता है। एक खुले के ऊपर एक बंद बाजार में तेजी का संकेत देता है, और यह एक Green Candle की कैंडल द्वारा दर्शाया जाता है। ऐसी कैंडल को Bull Candle कहा जाता है। एक खुले के नीचे एक मंदी की बाजार भावना को इंगित करता है। यह एक Red Candle द्वारा निरूपित किया जाता है और इस Bear Candle कहा जाता है। बाजार की धारणा को भी कैंडल की बत्ती से दर्शाया जाता है। कैंडलस्टिक के दोनों और एक लम्बी बत्ती बाजार द्वारा मूल्य स्तर की मजबूत अस्वीकृति का संकेत देती है।
किसी विशेष दिशा में निरंतर मूल्य आंदोनल का बाजार की प्रवृत्ति कहा जाता है। जब कीमतें निरंतर से ऊँची होती है, तो प्रचलित बाजार की प्रवृत्ति ऊपर होती है। जब कीमतें तरीके से काम होती हैं, तो प्रचलित बाजार प्रवृत्ति निचे होती है। बाजार के रुझान में बदलाव से Trading के अचे अवसर मिल सकते हैं। इसलिए व्यापारियों के लिए बाजार के रुझानों में बदलाव की पहचान करने में सक्षम होना उपयोगी है।
7. What Do Candlestick Work?
Candlestick Pattern को इस्तेमाल करने और पढ़ने के कई तरीके हैं। Candlestick Pattern Analysis आपकी पसंदीदा Trading Strategy और टाईमफ्रेम पर निर्भर करता है। कुछ Strategies कैंडल की संरचनाओं का लाभ उठाने का प्रयास करती है जबकि अन्य प्राइस एक्शन को पहचानने प्रयास करती हैं। आपको कैंडलस्टिक चार्ट रीड करते समय निचे दिए गए पॉइंट्स को ध्यान में रखना होगा।
Candlestick Chart📊 पारंपरिक बार चार्ट से काफी भिन्न होते हैं, Traders आमतौर पर Day Trading के लिए कैंडलस्टिक चार्ट्स का उपयोग करना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें कीमत को अच्छी तरह से दर्शाया जाता हैं यह समझने में बाकि तरीकों से आसान है।
कैंडलस्टिक चार्ट एनालिसिस को ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी में लागु करने के लिए कैंडल के प्रमुख घटकों और वे क्या संकेत देते हैं, इसे समझना महत्वपूर्ण है।
8. Types of Candlestick Patterns?
एक Candlestick Pattern किसी परिसंपत्ति की कीमत के बढ़ने तथा गिरने के परिणामस्वरूप बनता है। हालांकि तकनीकी चार्ट बेतरतीब पैटर्न दिखा सकते है, कुछ विशिष्ट पैटर्न का प्रयोग करोबारियों द्वारा खरीद या बेचने के संकेत के रूप में किया जाता है। यह उल्लेख किया जाना चाइये की ये पैटर्न संकेत है और गारंटी नहीं देता है।
आप तौर पर पैटर्न को Bullish और Bearish में विभाजित किया जा सकता है। Bullish Pattern इसका संकेत है कि कीमत ऊपर जा रही है, जबकि Bearish Pattern मूल्य में गिरावट के पहले आता आ साकेत है।
8.1. Hammer Candlestick
Hammer Candlestick एक खास Candlestick Pattern होता है जोकि एक संभावित Trade के उलटफेर को इंगित करता है। क्यूंकि यह गिरावट के साथ बनता है, इसलिए व्यापारी बाजार में तेज़ ट्रेंड की वापसी के साथ हैमर को जोड़ते हैं। यह लम्बी निचली छाया के साथ एक छोटी Green Candle है, जो बाजार द्वारा कम कीमत की अस्वीकृति का प्रतिक है। बुलिश हैमर अधिक आम है, लेकिन व्यापारियों ने एक और हैमर जैसी रचना को भी मान्यता दी है जिसे उन्होंने Inverted Hammer Pattern कहा है।
Hammer Candlestick, तेजी के उल्टे संकेतों का सुझाव देते हुए गिरावट में दिखाई देता है। इसका एक छोटा वास्तविक आकार और नीचे की ओर एक लंबी बत्ती होती है, इस प्रकार यह एक Hammer जैसा दिखता है। यह हरे रंग की Candle है, जो अन्य लाल Candles के विपरीत है, जो इससे पहले बानी थी। समापन मूल्य प्रांभिक मूल्य से अधिक है और लंबी छाया, बाजार में शुरूआती विक्रेता की उपस्थिति को इंगित करती है। लेकिन अंत में, बाजार कम कीमत को ख़ारिज कर देता है, और बुल फ़ोर्स कीमतों को बढ़ा देता है।
8.2. Inverted Hammer Candlestick
Inverted Hammer एक बुलिश रिवर्सल कैंडल है। यह एक छोटी Candlestick Pattern है जो बाजार में लंबी गिरावट के बाद बनती है। यह एक विश्वसनीय Candlestick Pattern है। यह कार्य तब करता है जब स्पोर्ट एरिया में इसका निर्माण होता है। अगर यह Candlestick Pattern बिच में बनती है तो इसका ज्यादा महत्व नहीं होता है। Inverted Hammer का रंग Red या Green होता है। लेकिन Inverted Hammer का कलर से कोई फर्क नहीं पड़ता है यह Green हो या Red हो। हालांकि अगर Inverted Hammer का रंग Green होतो ज्यादा अच्छा है।
बाजार में Inverted Hammer के निर्माण के बाद जो Candle बने वह Bullish होनी चाहिए। कहने का अर्थ है अगले Candle का ओपन प्राइस Hammer के ओपन प्राइस से ऊपर होनी चाहिए या आसपास होना चाहिए। साथ ही उसका क्लोसिंग प्राइस Inverted Hammer के ऊपर होना चाहिए। इसे आप एक संकेत के रूप में ले सकते हैं कि बजार में तेजी का दौर शुरू हो सकता है।
8.3. Gravestone Doji Candlestick
Gravestone Doji - बाजार की भावना की व्याख्या करता है, इस कैंडल को बेयरिश कैंडल माना जाता है और एक अपट्रेंड के दौरान इसका निर्माण होता है। Gravestone Doji कब बनता है जब खुला, निम्ण, और बंद एक ही हो। अक्सर, इस Candlestick की कोई रियल बॉडी और लंबी ऊपरी छाया नहीं होती है, जो इसे उल्टे "T" की तरह दिखाती है।
ये Gravestone Doji सिर्फ बुलिश ट्रेंड का प्रतिक है, इस कैंडल का मतलब है की जब बाजार में मंडी का समय ख़त्म होने वाला होता है तो Gravestone Doji बनता है और बाजार अधिक तेजी आती है। इसे आप आसानी से पहचान सकते है क्योंकि इसमें कोई भी Lower Wick नहीं होता है इसके सिर्फ High और Close देखने को मिलती है।
8.4. Dragonfly Doji Candlestick
Dragonfly Doji का Pattern मोमबत्ती मोमबत्ती जैसा है जिसमे कोई वास्तविक ढाचा नहीं हे यह एक लंबी निचे की ओर एक प्रतिबिंब है, Dragonfly Doji उपट्रेंड निचे की ओर उभरती एक लंबी पट्टी, निवेशको का पूर्वाभास देती है कि मंडी की प्रवुति भी ताकत हासिल कर सकती है और उपट्रेंड रिवर्स हो सकता है। प्रवुति की पुष्टि करने निवेशक हमेशा Dragonfly Doji के बाद अगली Green रंग की कैंडलस्टिक के बनने की प्रतीक्षा करते हैं।
8.5. Spinning Top Candlestick
इसका अनूठी उपस्थिती खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के कारण बाजार में दबाव के कारण होती है। खरीदार कीमत को बढ़ाने की कोशिश करते है, जबकि विक्रेता इसे कम करने की कोशिश करते है, लेकिन दोनों परिवर्तन को बनाये रखने में विफल होते है। Spinning Top Candle इस के दोनों तरफ के शरीर से लंबी बत्ती के साथ एक छोटा शरीर होता है। इस candle का रंग लाल और हरा होता है, यह Candle उपट्रेंड में चल रहे बाजार को मंदी की ओर लेजाने का और Downtrend के बाजार को तेजी की ओर ले जाने का संकेत देता है।
8.6. Morning Star Candlestick
सामान्य केंडल एक या दो केंडल से मिलके बनता हौ लेकिन मोर्निंग स्टार केंडल पेटर्न तीन केंडल से मिलके बनता हौ। मोर्निंग स्टार केंडल का मतलब "सुबह का तारा" एसा होता हे जिसको सूर्य भी कहते है। मोर्निंग स्टार केंडल में पहली केंडल लंबी मंदी (Long Bearish), दूसरी केंडल तेजी या मंदी कोई भी हो सकती हे ओर तीसरी केंडल लंबी तेजी (Long Bullish) होती है। Morning Star Candle Pattern एक Bullish (तेजी) को दिखाने वाली केंडल है। जब चार्ट में अछे से मोर्निंग स्टार केंडल बनती है तब वहासे शेयर मे तेजी आने की सांभावना बढ़ जाती है।
मोर्निंग स्टार केंडल से आप Intraday ओर Swing Trading करके अछे प्रॉफ़िट बना सकते है। अगर आप Intraday में यह केंडल को देख रहे है तो 10 मिनिट के चार्ट ओर Swing Trading के लिए देख रहे है तो 1 Day का चार्ट देखना चाहिए।
8.7. Evening Star Candlestick
The Evening Star एक Bearish और Multiple Candlestick Pattern है, जो किसी चार्ट में तीन लगातार आने केंडल्स से मिलकर बनता है, साथ ही ईवनिंग स्टार को, UP TREND Reversal Pattern भी कहा जाता है, इसका मतलब है कि The Evening star Candlestick Pattern दिखने के बाद आगे स्टॉक में BEARISH (बैरिश) पैटर्न देखने को मिल सकता है,
मार्केट UP Trend में होता है, और Bulls का पूरा कन्ट्रोल होता है, ईवनिंग स्टार का पहला Candle एक Bullish candle होता है, जो Bullish मार्केट की मजबूती को बताता है, और ये सदेश भी देता है कि स्टॉक को जियादा से जियादा लोग खरीदना चाहते है। एवनिग स्टार का तीसरा Candle एक गैप अप ओपनिग के साथ एक Bearish candle होता है, जो Bears के मार्केट मै वापसी को बताता है
8.8. Shooting Star Candlestick
Shooting Star Candlestick सबसे ऊपर बनता है यह मार्किट में अधिक तेजी के बाद टॉप पर Shooting Star बनता है. इसका Volume पिछली कैंडल से अधिक होता है. यहा पर ट्रेड लेने के लिए Shooting Star के Close प्राइस पर नई दूसरी कैंडल की Open प्राइस होनी चाहिए। जब शूटिंग स्टार कैंडल के Low प्राइस से नई कैंडल निचे चला जाए तो Selling Position बनानी चाहिए. साथ में शूटिंग स्टार के High प्राइस पर Stop-Loss लगा लेना चाहिए।
Shooting Star Candle Pattern Intraday Chart, Daily Chart और Weekly Chart मे बनती है। अगर आप Intraday Trading करते है तो इसे 5 मिनीट, 10 मिनीट या तो 15 मिनीट के चाट पर देखना चाहिए और अगर आप Positional Trading करते है तो इसे Daily, या Weekly चार्ट मे देखना चाहए।
8.9. Hanging Man Candlestick
Hanging Man एक Bearish Pattern होता है जो की ज्यादातर मजबूत Uptrend में बनता है और मार्केट के गिरने का संकेत मिलता है क्योकि Selling प्रेशर काफी सुरु होने लगता है Uptrend के ख़त्म होते ही Hanging Man Candle बनती है।
यह काफी Bearish Pattern होता है इसकी निचे का Wick काफी लम्बी होती है Seller Share की कीमत निचे खीचते है और Buyers कीमत को ऊपर ले जाने की कोशिश करते है लेकिन यह लोग इसे ऊपर नहीं ले जा सकते है इसलिए Hanging Bearish Pattern में कभी भी Share को ना खरीदें। Hanging Man Candle में आपको wick बिलकुल ही नहीं दिखाई देगी या बहुत अधिक छोटी होगी. आपको एक बात ध्यान रखनी होगी इसमें रंग से कोई भी मतलब नहीं निकलता है यह लाल और हरी दोनों रंग की हो सकती है।
8.10. Bullish Engulfing Candlestick Pattern
Bullish Engulfing Pattern 2 कैंडल वाला होता है जैसे ही Engulfing Candle बनता है इसके बाद मार्किट पर बुल्स का कब्जा हो जाता है मतलब की मार्किट पर (BULLISH) तेजी आ जाती है इन स्थिति में खरीदारी करनी होती है। जब आपको चार्ट पर एक दिन पहले बना हुआ बुलिश एंगुल्फिंग पेटर्न दिखायी दे तथा वर्तमान के दिन आपको Gap Up की केंडल दिखाई दे यानी शेयर अछि तेजी के साथ खुले तो आपको शेयर में खरीदारी करनी चाहिए।
8.11. Bearish Engulfing Candlestick Pattern
Bearish Engulfing Candlestick Pattern एक मंदी को प्रदर्शित करने वाला पैटर्न है। इसका मतलब अब शेयर में तेजी का समय समाप्त हो गया है और मंदी की शुरुआत हो सकती है यानि अब शेयर के भाव गिरने की आशंका ज्यादा है। यह "पैटर्न बुलिश एंगुल्फिंग पैटर्न" की तरह दो कैंडलस्टिक से मिलकर बना है इसमें पहली कैंडल Small Bullish Candle होती है, इसे छोटी तेजी की कैंडल भी कह सकते हैं। यह हरे रंग की होती है। दूसरी कैंडल लॉन्ग बेयरिश कैंडल होती है, यह लाल रंग की होती है। इसे मंदी की कैंडल कहते हैं।
8.12. Tweezer Bottom Candle Pattern
Tweezer Bottom तेजी को प्रदर्शित करने वाला पैटर्न है। यह पैटर्न तब बनता है जब शेयर बाजार मे शयरे की लंबी मंदी के बाद भी सेलस प्राइस को नीचे की तरफ पुश कर रहे होते है लेकिन सेल्स प्राइस को सेशन के आखिर मै नीचे रखने मे सफल नहीं हो पाते। इसका मतलब यह है की अब मंदी का समय समाप्त हो चुका है और तेजी की शुरूआत होने वाली है।
8.13. Tweezer Top Candlestick Pattern
Tweezer Top Candlestick Pattern एक डबल कैंडलस्टिक पैटर्न है। जिसकी पहली कैडल एक बुलिश यानि हरे रंग की होती है तथा दसूरी बीयरिश यानि लाल रंग की होती है। यह चार्ट पर हमेशा लम्बी तेजी के बाद 'टॉप' पर बनता है। इस पैटर्न की जो पहली कैडल होती है वह Long Bullish, Small Bearish या कोई भी single Bullish Candle हो सकती है। इसके बाद जो दसूरी Candle होती है वह भी Long Bearish, Small Bullish या कोई भी सिंगल बीयरिश कैडल हो सकती है।
8.14. Bullish Inside Bar Candlestick Pattern
एक Inside Bar Chart Pattern एक बड़ी Candle के अदरं समा जाता है, कुछ इसे मदर बार कहते है। यह एक पैटर्न है जो बाजार मै एक बड़े कदम के बाद बनता है और समेकन की अवधि का प्रतिनिधित्व करता है, इसके अगली Candle Bullish होती है।
8.15. Bearish Inside Bar Candlestick Pattern
एक Bearish Inside Bar Chart Pattern एक बड़ी CANDLE के अदरं समा जाता है, कुछ इसे मदर बार कहते है। यह एक पैटर्न है जो बाजार मे एक बड़े कदम के बाद बनता है और समेकन की अवधि का प्रतिनिधित्व करता है, इसके अगल कैंडल BEARISH होती है। एक Trading System के अंदर Inside Bar Strategy का शामिल करने से एक Traders की मार्किट एनालिसिस तकनीक (Market Analysis Technique) बढ़ सकती है।
8.16. Bullish Harami Candlestick Pattern
पहला कैंडल एक बड़ा कैंडल होता है, और दूसरा कैंडल पहले कैंडल के मुकाबले काफी छोटा कैंडल होता है, और दोनों कैंडल का Colour अलग अलग होता है, Harami Pattern दोनों तरह के Trend यानी Up Trend और Down Trend दोनों मै बनता है, अगर Harami Pattern चार्ट मै Downtrend मै बनता है तो Trend Reversal यानी आगे Bullish Trend हो जाने कि संभावना होती है। Bullish Harami Candle एक बुलिश कैंडलस्टिक पेटर्न है यानी कि यह तेजीदर्शाती है जब यह कैंडल बनती है तब शेयर में मंदी का समय खत् महो गया और तेजी की शुरुआत हो गई है ऐसा दर्शाती है।
8.17. Bearish Harami Candlestick Pattern
पहला कैंडल एक बड़ा कैंडल होता है, और दसरा कैंडल पहले कैंडल के मुकाबले काफी छोटा कैंडल होता है, और दोनों कैंडल का Colour अलग अलग होता है, Harami Pattern दोनों तरह के Trend यानी Uptrend और Down Trend दोनों मै बनता है, ओर अगर Harami Pattern Chart मै Uptrend मैं बनता है तो Trend Reversal यानी आगे Bearish Trend हो जाने कि सम्भावना होती है।
8.18. Three White Soldiers Candlestick Pattern
Three White Soldiers एक 3 कैंडल क्लस्टर पेटर्न है जो कीमत वृदधिका संकेत देता है। वे असर एक डाउनट्रेड में दिखाई देते हैं और एक अपट्रेड के संभावित उलट होने की चेतावनी देते हैं। यह पटेन एक मंदी से बुलिश ट्रेड रिवर्सल सिगनल को दर्शाता है।
8.19. Three Black Crows Candlestick Pattern
Three Black Crows Candlestick थ्री व्हाइट सोल्जर का उलटा है जो कि अपट्रेड के अंत मे दिखाई देता है। तो, जब हम विपरीत कहते हैं। थ्री ब्लैक क्रौ पटैन बाजार मे बियरिश प्रवृति का परिचय करवाती है यह लगातार गिरती बंद कीमतों के साथ तीन लॉग बॉडी कैंडलस्टिक का एक समहू है।
8.20. Dark Cloud Cover Candlestick Pattern
Dark Cloud Cover एक बेयरिश (मंदी) रिवसल कैंडलस्टिक पैटर्न है जो एक अपट्रेड के अतं मे बनता है। यह दो कैंडलस्टिक से बना है। पहला कैंडलस्टिक बुकिश कैंडलस्टिक है और दूसरा बेयरिश कैंडलस्टिक हैं ट्रेडस को यह पैटर्न महत्वपूर्ण लगता है कियूकी यह अपट्रेड के उत्क्रमण को डाउनट्रेड मे बदलने का संकेत देता है।
8.21. Pin Bars Candlestick Pattern
इस कैंडलस्टिक पर, "नाक" नामक एक छोटा सा हिस्सा है। नाक अन्य दो भागो से छोटी होती है। इसकी पूछ के साथ एक Pin Bar नीचे और शरीर की ओर इशारा करता हुआ दखाई देता है। इसका मतलब है की कीमत नीचे गिर रही है लेकन एक पक्ष इसे वापस खींचने की कोशिश करता है।
8.22. Piercing Line Candlestick Pattern
पियर्सिंग पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो एक डाउनट्रेंड के अंत में पाया जा सकता है। इस कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग इंडिकेटर के रूप में एक लंबी स्थिति में प्रवेश करने या बेचने की स्थिति से बाहर निकलने के लिए किया जाता है। पियर्सिंग पैटर्न तब बनता है जब बुल और बेयर, दोनों कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए लड़ रहे हो। पियर्सिंग पैटर्न दो कैंडलस्टिक से बना है, पहला बेयरीश और दसूरा बुलिश कैंडलस्टिक है।
8.23. Bullish Kicker Candlestick Pattern
इस पटैर्न को दो कैंडलस्टिक्स की अवधि में कीमत में तेज उलटफेर की विशेषता है। व्यापारी किकर पटैर्न का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि दिशा के नियंत्रण में बाजार सहभागियों का कौन सा समहू है।
8.24. Bearish Kicker Candlestick Pattern
इस पैटर्न को दो कैंडलस्टिक्स की अवधि में कीमत में तजे उलटफेर की विशेषता है। व्यापारी किकर पैटर्न का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि दिशा के नियंत्रण में बाजार सहभागियों का कौन सा समहू है।
8.25. Bearish Marubozu Candlestick
Bearish Marubozu Candlestick का Open Price ऊपर और Close नीचे रहता है और एक Perfect Bearish Marubozu candlestick में कोई Upper या Lower Wick नहीं होता है। मतलब जहाँ से Open होता है वहीं High और जहाँ Close होता है वहीं Low रहता है। लेकिन Practically थोडा-बहोत Upper & Lower Wick होने पर भी उसे Marubozu Candlestick कहा जाता है
8.26. Bullish Marubozu Candlestick
Bullish Marubozu Candlestick में Open Price और Low Price समान रहते हैं लेकिन Close Price और High Price समान रहते नहीं, यह कैंडल में थोड़ा सा उप्पर बत्ती होता है, वह बत्ती बॉडी से 2 से 3% होना चाहिए। यह कैंडल चार्ट में जब Open होती है तब BUYER की पकड़ मजबूत रहती है लेकिन Closing के समय Seller थोड़े से हावी रहते है।
8.27. Rising Three Candlestick
Three Rising विधि एक तेजी से जारी रहने वाली कैंडलस्टिक पैटर्न है जो एक अपट्रेंड में होती है और जिसके निष्कर्ष में उस प्रवृत्ति की फिर से शुरुआत होती है।
निर्णायक (पांचवीं) दृढ़ता से तेजी वाली मोमबत्ती इस बात का प्रमाण है कि विक्रेताओं के पास पिछले अपट्रेंड को उलटने के लिए पर्याप्त दृढ़ विश्वास नहीं था और खरीदारों ने बाजार पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है।
8.28. Falling Three Candlestick
Falling Three Candlestick एक पांच-मोमबत्ती मंदी पैटर्न है जो मौजूदा डाउनट्रेंड की निरंतरता को दर्शाता है। पहली मोमबत्ती लंबी और लाल है, उसके बाद तीन छोटी हरी मोमबत्तियाँ हैं, जिनकी बॉडी पहली मोमबत्ती के कोण के अंदर है।
आखिरी मोमबत्ती भी लाल और लंबी है और यह पहली मोमबत्ती के बंद होने के नीचे बंद होती है। यह निर्णायक पाँचवीं मज़बूत मंदी वाली मोमबत्ती संकेत देती है कि बैल पिछले डाउनट्रेंड को उलट नहीं सकते हैं और भालू ने बाजार पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया है।
3.29. Three Inside Up Candlestick
Three Inside Up Candlestick फॉर्मेशन एक ट्रेंड-रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के निचले भाग में पाया जाता है।
यह ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न इंगित करता है कि डाउनट्रेंड संभवतः खत्म हो गया है और एक नया अपट्रेंड शुरू हो गया है।
8.30. Three Inside Down Candlestick
थ्री इनसाइड अप कैंडलस्टिक फॉर्मेशन एक ट्रेंड-रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के निचले भाग में पाया जाता है।
यह ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न इंगित करता है कि डाउनट्रेंड संभवतः खत्म हो गया है और एक नया अपट्रेंड शुरू हो गया है।
यह ट्रिपल कैंडलस्टिक पैटर्न इंगित करता है कि डाउनट्रेंड संभवतः खत्म हो गया है और एक नया अपट्रेंड शुरू हो गया है।